Changes

अँधेर को अँधेर कहा / विजय वाते

8 bytes added, 13:55, 31 अक्टूबर 2008
मैंने एक शेर ही पढ़ा था 'विजय'
घाव ज़ख्मों के कब उकेर कहा।
</poem>