981 bytes added,
02:17, 13 दिसम्बर 2021 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=निकानोर पार्रा
|अनुवादक=उज्ज्वल भट्टाचार्य
|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}
<Poem>
सैन्टियागो, चिली में
दिन बेहद लम्बे होते हैं :
एक ही दिन में कई-कई शाश्वत काल ।
समुद्री घास बेचने वालों की तरह
खच्चर की पीठ पर सवार
तुम जम्भाई लेते हो – और जम्भाई लेते हो।
.
जबकि हफ़्ते छोटे होते हैं
महीने भागते जाते हैं
और साल तो उड़ते चले जाते हैं ।
'''अँग्रेज़ी से अनुवाद : उज्ज्वल भट्टाचार्य'''
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader