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00:43, 17 फ़रवरी 2022 इवान ज़ख़ारअविच सूरिकफ़
उन्नीसवीं सदी के रूसी गीतकार [[इवान सूरिकफ़]] को हमारी इस धरती पर सिर्फ़ ३९ बरस की ज़िन्दगी मिली। और इस छोटी-सी ज़िन्दगी में ही उन्होंने किसानों के लिए उनके जीवन से जुड़े ऐसे गीतों की रचना कर दी, जो आज भी लोकमानस में ज़िन्दा हैं और जिन्हें रूसी जनता बड़े उत्साह से गाती है। उनके गीतों को विश्व-प्रसिद्ध रूसी संगीतकार प्योतर इलिइच चयकोवस्की ने संगीतबद्ध किया है। ऐसे ही एक गीत को पिछले दिनों दुनिया की पचास भाषाओं में गाकर प्रस्तुत किया गया। मुझे इस गीत का हिन्दी में इस तरह से अनुवाद करने की ज़िम्मेदारी सौंपी गई थी कि उसे चयकोवस्की के संगीत में संगीतबद्ध किया जा सके। गीत का शीर्षक है -- पतला दुबला रिबीना का वृक्ष। रिबीना एक रूसी वृक्ष का नाम है, जो पूरे रूस में ख़ूब उगता है। उसके छोटे-छोटे फल सर्दियों में गहरे लाल हो जाते हैं और जाड़ों में उसके सारे पत्ते झड़ जाते हैं। जब चारों ओर सफ़ेद बर्फ़ बिछी होती है तो बर्फ़ की सफ़ेद पृष्ठभूमि में ये लाल चमकते हुए फल बरबस ही ध्यान आकर्षित कर लेते हैं। आइए, पढ़ें वह गीत हिन्दी में।