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स्त्री की हाँ / एलिजाबेथ बैरेट ब्राउनिंग / सुधा तिवारी
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09:55, 13 मार्च 2022
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<poem>
स्त्री की हां
"
हां
हाँ
!" मैंने दिया था जवाब कल रात;
"नहीं !" कहती हूँ इस सुबह, महाशय !
मोमबत्तियों की रोशनी में दिखते रंग,
अनिल जनविजय
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