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11:36, 17 अप्रैल 2022 {{KKGlobal}}
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|रचनाकार=मरीने पित्रोस्यान
|अनुवादक=उदयन वाजपेयी
|संग्रह=
}}
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<poem>
'''सोविक के लिए, उसके भाई की मृत्यु के बाद'''
अपने से अनजाने व्यक्ति
की मृत्यु पर
तुम्हे अलग उदासी घेरती है
एक तरह की
अकथ उदासी
और तुम पहचान लेते हो
कि यह उदासी
हमेशा तुम्हारे
साथ थी
तुमने सिर्फ़ उसे
महीन लगती
चादरों से
ढँक रखा था
और अब
ऐसे व्यक्ति के शरीर को देखकर
जो जा चुका है
तुम्हें लगता है
कि तुम्हारे भीतर की
महीन चादरें
फट रही हैं
एक के बाद एक
'''अँग्रेज़ी से अनुवाद : उदयन वाजपेयी'''
</poem>
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