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याने कि बेहद शाइस्ता और जिस्मानी तलब से भरपूर! वो इस तरह इश्क़ करती है, जैसे कोई शरद ऋतु में करता है । आप सोचेंगे शीतकाल की आहट उसके दिल में एक नई आग दहका रही है और उसकी नज़ाकत की जी-बरदारी क़तई और रत्ती-भर थकी हुई नहीं।
 
'''अंग्रेज़ी से अनुवाद : सुरेश सलिल'''
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