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बिल्ली / बाद्लेयर / सुरेश सलिल
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18:37, 19 अप्रैल 2022
पंखों से पकड़ कसकर
मुझे अपनी सुन्दर आँखों में मग्न होने दे—
धातु और
गोभेद
गोमेद
के उनके मिश्रण से
मेरी अँगुलियाँ जब सहलाती हैं आहिस्ते-आहिस्ते
अनिल जनविजय
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