गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
ठक बहादुर माझी / प्रदीप त्रिपाठी
No change in size
,
10:46, 22 जून 2022
वे बोलते हैं अब देह की भाषा में
थक
ठक
बहादुर माझी
अपनी भाषा को बोलने वाले अंतिम व्यक्ति थे
थक
ठक
बहादुर के साथ
दुनिया की एक भाषा भी चुपचाप चली गई
चला गया थोड़ा सा पहाड़
Lalit Kumar
Founder, Mover, Uploader,
प्रशासक
,
सदस्य जाँच
,
प्रबंधक
,
widget editor
21,881
edits