गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
शोकगीत / नेहा नरुका
6 bytes added
,
20:34, 26 जून 2022
और चुपचाप बस्ता लेकर स्कूल निकल जातीं
वे चाँद से न आने की
प्राथनाएँ
प्रार्थनाएँ
करतीं
वे पूरे वक़्त किसी सहेली की तरह सूरज का साथ चाहतीं
उन्हें तारों वाली बाल कविताएँ भद्दी लगतीं
अनिल जनविजय
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
54,226
edits