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हार हुई तो / रामकुमार कृषक

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|रचनाकार=रामकुमार कृषक
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|संग्रह=सुर्ख़ियों के स्याह चेहरे / रामकुमार कृषक
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यों बैठा खग्रास
त्रास के परचम फहराए !
 
05 फ़रवरी 1975
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