671 bytes added,
07:59, 17 जुलाई 2022 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=[[चंद्रप्रकाश देवल]]
|अनुवादक=
|संग्रह=उडीक पुरांण / चंद्रप्रकाश देवल
}}
{{KKCatKavita}}
{{KKCatRajasthaniRachna}}
<poem>
थूं निब
म्हैं स्याही
जगत रै चोपन्यै
अपांरी आ इज आसनाई
थूं मांडै
म्हैं मंडूं
पछै थूं अलोप व्हैजा छांनै
अर म्हैं सूखती पल-पल
उडीकूं
थनै धकलै पांनै !
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader