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08:02, 17 जुलाई 2022 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=[[चंद्रप्रकाश देवल]]
|अनुवादक=
|संग्रह=उडीक पुरांण / चंद्रप्रकाश देवल
}}
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<poem>
मन करै
थारै जोड़ै तुलूं
अर ओछौ नीं उतरूं
म्हैं धरूं आपरौ भारी मन
भेळी कर्योड़ी आस रौ धन
तिसायोड़ी आतमा रौ चूकतौ भार
अेक दाळीदरी रौ आवगौ संसार
पण थूं व्है जिण चेळै
ताकड़ी खुद डंडी मारै
पछै म्हारै कांई सारै
</poem>
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