Changes

तू दिल में बसी, मेरी क़िस्मत, मन में छुपी हुई है,
मेरे विदा होने से पहले तू मेरे भीतर रुकी हुई है।
 
'''रूसी से अनुवाद : अनिल जनविजय'''
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,693
edits