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सब ख़त्म हो गया / अलेक्सान्दर पूश्किन
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|रचनाकार=अलेक्सान्दर
ब्लोक
पूश्किन
|संग्रह=यह आवाज़ कभी सुनी क्या तुमने / अलेक्सान्दर पूश्किन
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अनिल जनविजय
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