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मानव / भगवतीचरण वर्मा

No change in size, 05:43, 30 अगस्त 2022
जब भूले से भरमाए से
भर्मरों भ्रमरों को रस का पान मिला
तब हम मस्तों को हृदय मिला
मर मिटने का अरमान मिला।
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