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अनुबन्ध लिखो / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
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15:55, 23 अक्टूबर 2022
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|रचनाकार=रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
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अधरों से अधरों पर, कोई अनुबन्ध लिखो
पलकों के काजर से, तुम नूतन छन्द लिखो ।
ऐसा सम्बन्ध लिखो ।
-0-(9-4-86: सैनिक समाचार-8 फ़रवरी 87)
</poem>
वीरबाला
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