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बीते हुए कल और आज के बीच / द्रागन द्रागोयलोविच / अनिल जनविजय
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13:56, 29 अक्टूबर 2022
बीते हुए कल और आज के बीच
कुछ नहीं है
दोनों
दिनों
को आपस में जोड़ने वाला
कोई रास्ता नहीं,
कोई सुरंग नहीं, कोई गलियारा नहीं,
कल और आज के बीच ।
कोई बाड़ या
हाता
ऐसा अहाता
नहीं
जहाँ पक्षी गा रहे होते ।
अनिल जनविजय
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