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{{KKAnooditRachnaKKRachna|रचनाकार=रॉक डाल्टन |अनुवादक=मनोज पटेल
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[[Category:स्पानी भाषा]]
<poem>
तुम्हारी तरह मैं भी
प्रेम करता हूँ प्रेम से, ज़िंदगीज़िन्दगी,चीजों चीज़ों की मोहक सुगंधसुगन्ध, और जनवरी के दिनों के आसमानी रंग के भूदृश्यों से.।
और मेरा भी खून ख़ून खौल उठता है
और मैं हंसता हूँ आँखों से
जो जानती रही हैं अश्रुग्रंथियों अश्रुग्रन्थियों को. ।
मेरा मानना है कि दुनिया खूबसूरत ख़ूबसूरत है और रोटी की तरह कविता भी सबके लिए है. ।
और मेरी नसें सिर्फ सिर्फ़ मेरे भीतर नहीं बल्कि उन लोगों के एक जैसे खून ख़ून तक भी फैली हैं जो लड़ते हैं ज़िंदगी ज़िन्दगी के लिए,
प्रेम,
छोटी-छोटी चीजोंचीज़ों,
प्राकृतिक भूदृश्यों और रोटी के लिए,
जो कविता है हर किसी की. ........................................ ।
'''अनुवाद मनोज पटेल'''
</poem>