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फागुन / जय गोस्वामी
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16:24, 10 नवम्बर 2008
<Poem>
धूल
से
पर
झरता है ख़ून
पुलिस लाशों को टांगों से घसीटती हुई ले जाती है।
आज है 14मार्च! जबर्दस्त फागुन !
अनिल जनविजय
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