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वीर तुम बढ़े चलो / द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी
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17:41, 27 अगस्त 2006
प्रात हो कि रात हो संग हो न साथ हो
सूर्य से
बढे
बढ़े
चलो चन्द्र से
बढे
बढ़े
चलो
वीर तुम बढ़े चलो ! धीर तुम बढ़े चलो !
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घनश्याम चन्द्र गुप्त