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लघु कविताएँ / सांत्वना श्रीकांत
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14:28, 16 नवम्बर 2022
{{KKCatKavita}}
<poem>
'''1.रिक्तता
...
'''
दूर तक फैली थी 'रिक्तता'
काई की तरह
'''2. इच्छा'''
----------------
हम उस तरह चाहे जाने के
इच्छुक थे
वीरबाला
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