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हम समझते हैं आज़माने को / मोमिन
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20:59, 10 नवम्बर 2008
चल के काबे में सजदा कर मोमिन<br>
छोड़ उस बुत के आस्ताने को
उज़्र = बहाना
संग-ए-दर = दरवाज़े का पत्थर, चोखट
आस्ताने = घर
Pratishtha
KKSahayogi,
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