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मेरी बात / कार्ल सैण्डबर्ग / शुचि मिश्रा
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16:40, 6 दिसम्बर 2022
मुझे पता है जैसे
दुर्दिन में किसी भिक्षुक का पात्र
और
ज्यों
एक हाथ कटे हुए सैनिक की आस्तीन
मुझे यह सब बताओ
अनिल जनविजय
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