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|रचनाकार=विलिमीर ख़्लेबनिकफ़
|अनुवादक=रमेश कौशिक
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[[Category:रूसी भाषा]]
<Poem>
एक बार फिर
मैं सितारा हूँ
::तुम्हारे लिए

अफ़सोस है
उस नाविक के लिए
::जिसने अपने जहाज़ की ग़लत दिशा
::::सितारे से निश्चित की
::चट्टानों से टकरा वह चूर-चूर होगा
::::जल-तल में रेत में धँसेगा

अफ़सोस है
तुम्हारे लिए
::जिसने अपने दिल की ग़लत दिशा
::::मुझसे निश्चित की
तुम भी चट्टानों से टकराकर
::::::चूर-चूर होगी

और फिर तुम पर चट्टानें ऎसे ही हँसेंगी
::जैसे कि तुम मुझ पर हँसती हो


'''अंग्रेज़ी से अनुवाद : रमेश कौशिक
</poem>
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