Changes

बुद्धिहर्ता / शील

648 bytes added, 03:35, 1 फ़रवरी 2023
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=शील |अनुवादक= |संग्रह=लाल पंखों वा...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=शील
|अनुवादक=
|संग्रह=लाल पंखों वाली चिड़िया / शील
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
अशरीरी ईश्वर का फ़रिश्ता —
धर्म ...

पाखण्डों को महिमा-मण्डित
पाखण्डियों को मालामाल करता,
ग़रीब-जन की रोटी छीनता,

कलह के बीज बोता —
आदमी की बुद्धि हर लेता है ।

26 दिसम्बर 1987
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,606
edits