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13:09, 27 फ़रवरी 2023 {{KKGlobal}}
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|रचनाकार=कल्पना मिश्रा
|अनुवादक=
|संग्रह=
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<poem>
कभी एक रन कभी दो,
कभी चौका कभी छक्का
कभी जीरो भी आएगा
बस टिके रहो,
ये जीवन की पिच है
गूगली भी आएगी,
और आएगा बाउंसर भी
यॉकर भी फेके जाएंगे
बस टिके रहो,
जो टिकेगा वही मारेगा शतक
वही बनेगा मैन ऑफ मैच
वही मैच जिताएगा
वही इतिहास दोहराएगा
बस टिके रहो।।
</poem>