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12:33, 28 फ़रवरी 2023 {{KKGlobal}}
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|रचनाकार=राहुल द्विवेदी
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|संग्रह=
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<poem>
इतना लंबा रास्ता
कि जो जन्म जन्मांतर तक
जाता हो
पाप-पुण्य के हिसाब-किताब के साथ
तय ही नही कर सकता
मैंने तो तुम तक पहुँचकर ही
खत्म कर दिया युगों-युगों का हिसाब!
</poem>