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06:47, 20 मार्च 2023 {{KKGlobal}}
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|रचनाकार=प्रमोद शर्मा 'असर'
|अनुवादक=
|संग्रह=
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<poem>
अक़्ल आ जाएगी ठिकाने पर ।
वो जो उतरेगा आज़माने पर ।।
वो ही मेरा ख़याल रखता है,
सारी दुनिया के भूल जाने पर ।
हस्ती शाहों की मिट ही जाती है,
इक फ़क़त उसके रूठ जाने पर ।
डूबी कश्ती भी आ लगे साहिल,
वो उतर आए जो बचाने पर ।
तू चला आएगा सदा पे मेरी,
मैं फ़िदा तेरे इस बहाने पर ।
मैंने आवाज़ दी, मैं रोया भी,
तू न आया मेरे बुलाने पर ।
राह मुद्दत से तक रहा है 'असर'
अब तो आ जा ग़रीबख़ाने पर ।
</poem>