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10:17, 25 मार्च 2023 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=डी० एच० लारेंस
|अनुवादक=प्रियदर्शन
|संग्रह=
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<poem>
जो भावनाएँ मेरे पास नहीं हैं, नहीं हैं
जो भावनाएँ मेरे पास नहीं हैं, मैं नहीं कहता कि हैं
जो भावनाएँ तुम कहती हो कि तुम्हारे पास हैं, नहीं हैं
जो भावनाएँ तुम चाहती हो कि हम दोनों में हों, वे हम दोनों में नहीं हैं ।
जो भावनाएँ लोगों में होनी चाहिए, वे नहीं होतीं
अगर लोग कहते हैं कि उनमें भावनाएँ हैं, तुम पूरी तरह आश्वस्त हो सकती हो कि वे उनमें नहीं हैं
तो अगर तुम चाहती हो कि हम दोनों कुछ भी महसूस करें
तो बेहतर हो कि भावनाओं का ख़याल पूरी तरह छोड़ दें ।
'''अँग्रेज़ी से अनुवाद : प्रियदर्शन'''
</poem>