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07:56, 28 मई 2023 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=कविता भट्ट
|अनुवादक=
|संग्रह=
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<poem>
'''भोले भंडारी....'''
'''हम तेरे आभारी'''
शिव शंभु तेरा द्वारा
है प्राण से भी प्यारा
लौट- लौटके आएँगे
प्रण है यही हमारा
भोले भंडारी ...
'''हम तेरे आभारी'''
सोहे गौरा वाम अंग में
शुभ गणपति हैं संग में
किरपा जग पर बरसी
अविरल गंगा के रंग में
भोले भंडारी ...
'''हम तेरे आभारी'''
है तेरा ही एक सहारा
जब मैंने तुझे पुकारा
तूने कष्ट हरे सब मेरे
बाबा शत्रु को संहारा
भोले भंडारी ...
'''हम तेरे आभारी'''
अब के पार लगाना
तू मेरा साथ निभाना
पग- पग उँगली थामे
संग में चलते जाना
भोले भंडारी ...
'''हम तेरे आभारी'''
</poem>
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