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नई रीत लिखें अब / कविता भट्ट
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05:03, 12 जून 2023
प्रेम, शृंगार और प्रीत लिखें अब I
दु:ख-संघर्षों से
हार
हार न माने,
वही भावाक्षर मन मीत लिखें अब I
वीरबाला
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