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<poem>
सालमे एकबेर
निकालैत छलीह ओ
अपन सबटा डिग्री
आ सुखेबा लेल
रौदमे राखी दैत छलीह
बीच-बीचमे ओकरा
उल्टा पुल्टा कऽ
सहलबैत सेहो छलीह
पुरान मैट्रिकक सर्टिफिकेट आब
तुड़य मुड़य लागल छलन्हि
दीवारक प्रकोपसँ
पिछले बेर किछु विलुप्तिक कगार पर छल
कमसँ कम आयुक प्रमाण रहि गेलैन
इंटरक रिजल्ट देखि मोन पड़लैन
पितामहक उत्साहसँ अभिभूत
ओ आशीर्वाद जे
समस्त जिलामे
प्रथम स्थान प्राप्त करबा लेल
हुनका देने छलखिन
बी ए त' कहुनाकेँ
बियाहक बाद केलैन
हँ एम ए के इच्छा सेहो
सबहक सहयोगसँ पूरा भेलैन
डिग्री सबटा बटोरबामे
कोनो दिक्कत नै भेलैन
हँ तकरा बाद ओ बंद भऽ गेल
टीन बला बक्समे
आ राखि देल गेल
बिचला कोठलीक छज्जी पर
ओरिया के
सब साल डिग्रीकेँ सुखाके
पोछि पाछीकेँ ओ राखि दैत छथि
ओहिना जेना काठक ताबूतमे
दफना देल जाइए मृत शरीर
जकर कोनो अस्तित्व नै छैक
</poem>
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