Changes

ग्यारह दोहे / जगदीश व्योम

7 bytes removed, 15:56, 20 जुलाई 2023
<poem>
<poem>
आहत है संवेदना, खंडित है विश्वास।
जाने क्यों होने लगा, संत्रासित वातास।।