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ग्यारह दोहे / जगदीश व्योम
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15:56, 20 जुलाई 2023
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आहत है संवेदना, खंडित है विश्वास।
जाने क्यों होने लगा, संत्रासित वातास।।
डा० जगदीश व्योम
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