गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
तुम चली जाओगी / साहिर लुधियानवी
No change in size
,
13:51, 15 नवम्बर 2008
कुछ न कुछ हुस्न की रानाइयां रह जायेंगी<br><br>
तुम तो इस झील के साहिल पे मिली हो
मुझ से
<br>
मुझ से
जब भी देखूंगा यहीं मुझ को नज़र आओगी<br><br>
याद मिटती है न मंज़र कोई मिट सकता है<br>
दूर जाकर भी तुम अपने को यहीं पाओगी<br><br>
Anonymous user
220.225.22.195