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सुबह से शाम तक और रात भर
रेशमी रुमाल की तरह सरसराती हैं, भरभराती हैं
अरी अरे प्यारे, तोड़ ले हमें और अपने आँसू पोंछ ले
ये पत्तियाँ हीं मेरे हाथ हैं, एक लाख हरे हाथ
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