==कृतियाँ==
डरे हुए लोग(1991), ठंडी रजाई(1998) सुकेश साहनी की 66 लघुकथाएँ और उनकी पड़ताल(1917),साइबरमैन(2018), सुकेश साहनीःप्रतिनिधि लघुकथाएँ (2020)-(लघुकथा-संग्रह), मैग्मा और अन्य कहानियाँ (2004, कहानी-संग्रह), अक्ल बड़ी या भैंस (2005,बालकथा-संग्रह), लघुकथा संग्रह पंजाबी, गुजराती, मराठी, उर्दू एवं अंग्रेजी में भी उपलब्ध। मैग्मा कहानी सहित अनेक लघुकथाएँ जर्मन भाषा में अनूदित। अनेक रचनाएँ पाठयक्रम में शामिल, ‘रोशनी’कहानी पर दूरदर्शन के लिए टेलीफिल्म। ठंडी रजाई , दादा जी, कुत्ते से सावधान आदि लघुकथाओं पर शार्ट फिल्म । 'डरे हुए लोग' तथा 'ठंडी रज़ाई'(अंग्रेज़ी व पंजाबी में भी प्रकाशित)
==पुरस्कार/ सम्मान==