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आज विश्व शक्ति का नाम ही अमरीका है । संयुक्त राष्ट्र संघ का कार्यालय भी अमरीका में है, भले ही संयुक्त राष्ट्र संघ ने हिन्दी को अभी तक स्वीकार नहीं किया है परंतु विश्व शक्ति के आंगन में हिन्दी का छोटा पौधा फल-फूल रहा है । सबसे पहले स्वतंत्रता प्रतीक लिबर्टी प्रतिमा को प्रणाम करता हूँ जिसने यहाँ सभी धर्मो,जातियों और भाषाओं को विकसित होने का समान अवसर प्रदान किया है ।