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सूरज इतना लाल हुआ / जगदीश व्योम
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05:41, 30 नवम्बर 2023
<poem>
जाने क्या हो गया, कि
<br />
सूरज इतना लाल हुआ।
<br />
प्यासी हवा हाँफती
<br />
फिर-फिर पानी खोज रही
<br />
सूखे कण्ठ-कोकिला, मीठी<br />
बानी खोज रही<br />
डा० जगदीश व्योम
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