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कोई मगरूर है भरपूर ताकत से / कमलेश भट्ट 'कमल'
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10:29, 7 दिसम्बर 2023
कोई मजबूर है अपनी शराफत से
घटाओं ने परों को कर दिया
गिला
गीला
बहुत डर कर परिंदों के बग़ावत से
मुवक्किल हो गए बेघर लड़ाई में
वकीलों ने बनाए घर वकालत
में
से
किसी ने प्यार से क्या क्या नहीं पाया
किसी ने
क्या
क्या नहीं खोया अदावत से
</poem>
डा० जगदीश व्योम
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