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|रचनाकार=रसूल हम्ज़ातव
|अनुवादक=श्रीविलास सिंह
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<poem>
उनमें से भी कुछ जिनके पास हैं अधिकतम
बस पाँच मिनट का संक्षिप्त समय शेष जीने को - और अधिक नहीं,
पसन्द - नापन्द करते हैं बिना एक क्षण के विश्राम के
मानों उनके पास अभी शेष हों सैकड़ों वर्ष जीने के लिए,

जब बर्फ़ीली चोटियाँ, समवयस्क सृजन में,
मौन कठोरता से क्षुद्र मानव हेतु,
खड़ी हैं जमी हुई स्थिर शोकपूर्ण अपेक्षा में
जैसे बस पाँच और मिनट हो शेष उनके जीवन के।

(1964)

'''लु ज़ेलिकॉफ के अँग्रेज़ी अनुवाद से हिन्दी में अनुवाद : श्रीविलास सिंह'''

'''लीजिए, अब यही कविता लुई ज़ेलिकॉफ़ के अँग्रेज़ी अनुवाद में पढ़िए'''
Rasul Gamzatov
Even some of those who have at best...

Even some of those who have at best
Five short minutes left to live — no more,
Toil and moil without a minute’s rest
As if they had some hundred years in store,

While snowy peaks, coeval with Creation,
In silence stern regarding petty Man,
Stand frozen still in mournful expectation
As if but five more minutes were their span.

1964

Translated by Louis Zelikoff

'''लीजिए, अब यही कविता रूसी अनुवाद में पढ़िए'''

Расул Гамзатов
Даже те, кому осталось, может...

Даже те, кому осталось, может,
Пять минут глядеть на белый свет,
Суетятся, лезут вон из кожи,
Словно жить еще им сотни лет.

А вдали в молчанье стовековом
Горы, глядя на шумливый люд,
Замерли, печальны и суровы,
Словно жить всего им пять минут.

Пер. Н. Гребнева

1964
</poem>
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