Changes

भाव जाने कहाँ खो गए।
कौन दे रोज रोज़ तुलसी को जल,
इसलिए कैक्टस बो गए।
सूर्य खोजा किए रात भर,
थक के वो हार कर भोर में सो गए।
जो सभी पर हँसे ताउमरउम्र भर,
अंत में खुद पे वो, रो, गए।
</poem>
Delete, KKSahayogi, Mover, Protect, Reupload, Uploader
19,164
edits