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फूल हैं अग्नि के खिले हर सू।
रौशनी की महक बहे हर सू।
आसमाँ सी ज़मीं दिखे हर सू।
लौट कर मायके से वो आईंआये,
दीप ख़ुशियों के जल उठे हर सू।
वो दबे पाँव आज आए आये हैं,
एक आहट सी दिल सुने हर सू।
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