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16:40, 20 नवम्बर 2008 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=लीलाधर मंडलोई
|संग्रह=
}}
<Poem>
पराजय का अर्थ विजय है
यह कौन जानता है मुझ से अधिक
जो सबसे बुरा
सबसे अधिक सुन्दर है
इसे कौन जान सकता है सिवाय मेरे
जो डूबते हैं, जानते हैं वे ही
उस ज़मीन का पता
जिसमें छुपा है आनन्द जीवन का
मैं तो हूँ पराजय का मित्र
लोग इसे अनुभव कहते हैं बस
</poem>