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15:43, 2 मई 2024 {{KKGlobal}}
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|रचनाकार=अनिल जनविजय
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<poem>
माँ का पेट चीरकर
उन्होंने निकाला
वह अविकसित भ्रूण
फिर
त्रिशूल पर लटकाकर उसे
आसमान की ओर उठाया
और
देर तक हवा में लहराया
इस तरह
उन्होंने मुसलमानों को
हिन्दू राष्ट्र भारत से भगाया
और विजय दिवस मनाया ।
</poem>
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