Changes

मित्र पुरवाई!
यहाँ तुम शंख मत फूँको
यह प्रणय की लौ इस हृदय में लौ प्रणय की थरथराएगी
गीत देते हैं सुनाई
Mover, Protect, Reupload, Uploader
6,574
edits