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प्रणय की लौ / राहुल शिवाय
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,
21 मई
मित्र पुरवाई!
यहाँ तुम शंख मत फूँको
यह प्रणय की लौ
इस
हृदय में
लौ प्रणय की
थरथराएगी
गीत देते हैं सुनाई
Rahul Shivay
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