Changes

' {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=नेहा नरुका |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCatK...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=नेहा नरुका
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
उनका एक बेटा
मर गया था ।

पूरा जीवन उसे याद करके
रोज़ सुबह रोईं वे
पर जब भी सोतीं
सपने में उसे ज़िन्दा पातीं ।

जैसे ही सपना टूटता
बेटा फिर मर जाता ।
इस तरह रोज़ बेटा मरता
रोज़ वह रोतीं ।

एक दिन वे भी मर गईं !
वे भी अपने उस
बेटे की तरह थी ।

पर मैं
उनकी तरह नहीं हूँ !
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,690
edits