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00:25, 19 जून 2024 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=विजयाराजमल्लिका
|अनुवादक=सन्तोष कुमार
|संग्रह=
}}
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<poem>
….दुनियावी सोच
बस, एक नज़र काफ़ी है
जानने को शिशु के बारे में
‘लड़का है या लड़की है ?’
कहा डॉक्टर ने !
रोको ! बन्द करो ये फ़ालतू बातें
बुद्धि तो है ना !
या यही हद है दुनियावी सोच की
कि लगे रहें जानने में
‘लड़का है या लड़की है ?’
'''मूल अँग्रेज़ी से अनुवाद : सन्तोष कुमार'''
</poem>
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