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00:27, 19 जून 2024 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=विजयाराजमल्लिका
|अनुवादक=सन्तोष कुमार
|संग्रह=
}}
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<poem>
नवजात न तो
बेटा है, न ही बेटी है
वह तो
सिर्फ़ एक अबोध बच्चा है
और शिकार है
लोगों के
लिंग निर्धारण की आदत का !
'''मूल अँग्रेज़ी से अनुवाद : सन्तोष कुमार'''
</poem>
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