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05:04, 30 जून 2024 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=विवेक निराला
|अनुवादक=
|संग्रह=
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<poem>
इन कहानियों में
घटनाएँ हैं, चरित्र हैं
और कुछ चित्र हैं ।
सम्वाद कुछ विचित्र हैं
लेखक परस्पर मित्र हैं ।
कोई नायक नहीं
कोई इस लायक नहीं ।
इन कहानियों में
नालायक देश-काल है
सचमुच, बुरा हाल है ।
</poem>