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ख़ून की जाँच / पओचा पोज़ाज़िमिस्क़ी / अम्बर रंजना पाण्डेय
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9 जुलाई
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जब मेरे हाथ तन्दुरुस्त थे, जब वे लगभग पंख का काम देते थे
मैं सोचती थी — सबका ख़ून एक जैसा होता है ।
जब जाँच के लिए ख़ून निकालने को
अनिल जनविजय
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